न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948

"न्यूनतम कानूनी भथ्था" वह है, जो कि क़ानून निर्धारित है और यह सामान्य निर्वाह शिक्षा, चिकित्सा जरूरतों और सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए वेतन से भी अधिक हो सकते है|अनुसूचित जातिने एसा सुनिश्चित आयोजन किया है ताकि अधिनियम के तहत कानूनी वेतन कर्मचारी और उनके परिवार का निर्वाह ही नही लेकिन यह एक कार्यकर्ता के रूप में उसकी दक्षता बनाए रखने के लिए काफ़ी हो सके|

इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य असंगठित कर्मचारीयों की रक्षा करना यानी शोषण को रोकने का है| जैसा कि हाल ही में 1941और 1996 के मुंबई और कर्नाटक हाई कोर्टने आयोजित किया है कि न्यूनतम वेतन का भुगतान नही करना वो संविधान के अनुच्छेद 23 में मूलभूत अधिकार (सभी मौलिक अधिकार कानून की एक अदालत में लागू कर रहे हैं) का उल्लंघन है|

अधिनियम के तहत लाभ:

अगर रोजगार अधिनियम के तहत अधिसूचित है तो, न्यूनतम वेतनके अलावा अनिवार्य कई अन्य लाभदायक भथ्थें की भुगतान, जो कर्मचारीको लागू हो सकता है :

  • काम के घंटे की अधिकतम संख्या तय करना
  • निर्धारित वेतन के अलावा ओवरटाइम के लिए अतिरिक्त भुगतान
  • काम के हर सात दिनों के लिए एक छुट्टि का दिन

यह अधिनियम किसे लागू होता है?

  • ये अधिनियम उससे जुडी रोजगार सूची में उल्लिखित काम कर रहे कर्मचारी को लागू होता है ("अनुसूची") ("के रूप में अनुसूचित रोजगारों" कहा जाता है)| अनुसूची में विशेष रोजगार शामिल करना या नहीं यह सरकार के निर्णयों में है | बीएमपी अनुबंध श्रम द्वारा किया गया कचरा संग्रहण का काम एक अधिसूचित रोजगार नहीं है.
  • यदि अनुसूचित रोजगार जहां1000 या अधिक कर्मचारी है तो सरकार द्वारा कानून के तहत अधिसूचना के जरिए कर्मचारीके लिए न्यूनतम वेतन तय करना आवश्यक है|
  • सरकार अगर यह सोचती है कि एक अनुसूचित रोजगार जहां 1000 से कम कार्यरत कर्मचारी के लिए न्यूनतम वेतन तय करना जरूरी है, तॊ सरकार न्युनतम निर्धारित करेगी|

आरेख - किस रोजगारों के लिए न्यूनतम वेतन को अधिसूचित करना चाहिए

अनुसूचित रोजगारों

रोजगारों जहां 1000 या इससे अधिक कामगार कार्यरत हैं

छायांकित भाग उन रोजगारों को सूचित करता है,जो दोनों अनुसूचित हैं और 1000 से अधिक श्रमिकों के रोजगार में भी शामिल है| यहां सरकार न्यूनतम वेतन को सूचित करने के लिए बाध्य है और जिसके लिए उच्च न्यायालय में आवेदन किया जा सकता है| वास्तवमें, न्यूनतम वेतन हर अनुसूचित रोजगार के लिए अधिसूचित नहीं किया जा सकता है. उदाहरण के लिए, 1996 में कर्नाटक में अनुसूची में 61 रोजगारों थे.जबकि केवल 37 जिसके लिए न्यूनतम वेतन निर्धारित किया गया था |